Hanuman Chalisa: हनुमान चालीसा का पाठ करते वक्त भूलकर भी ना करें ये 4 गलतियां, वरना होगा नुकसान!
Hanuman Chalisa: शास्त्रों में बजरंगबली को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा बहुत उपयोगी बताई गई है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों को कई तरह के कष्टों से मुक्ति मिलती है। गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान चालीसा आम लोगों के लिए बड़ी आसानी से उपलब्ध है। मान्यता है कि बजरंगबली की पूजा करने से भक्तों के सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं और उनके जीवन में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं। इस दिन हनुमान चालीसा के पाठ का भी विशेष महत्व है। आइए जानते हैं हनुमान चालीसा के जाप के नियम और महत्व।
हनुमान चालीसा के पाठ में ना करें ये 4 गलतियां
हमुमान चालीसा का पाठ आमतौर पर लोग मंगलवार और शनिवार को करते हैं. मान्यता है कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी की कृपा बनी रहती है. यही वजह है कि भक्त पूरे भक्ति भाव से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि हनुमान चालीसा के पाठ में चार स्थानों पर मूल पाठ में सुधार किया गया है. ऐसे हम नहीं कह रहे हैं बल्कि परमपूज्य रामभद्राचार्य जी कह रहे हैं. दरअसल पूज्य आचार्य जी बता रहे हैं कि हनुमान चालीसा में चार स्थानों पर मूलभूत सुधार कर शुद्ध पाठ करना चाहिए। क्योंकि अशुद्ध पाठ का कोई लाभ नहीं मिलता है। आइए जानते हैं कि हनुमान चालीसा के पाठ में किन-किन 4 स्थानों पर पाठ करते समय सुधार करना है. आइए जानते हैं कि हनुमान चालीसा का पाठ करते वक्त किन 4 गलतियों को नहीं करनी चाहिए.
हनुमान चालीसा में एक स्थान पर "शंकर सुवन केसरीनंदनठ" आया है जो कि अशुद्ध है. इसका शुद्ध पाठ "शंकर स्वयं केसरीनंदन" है. ऐसे में हर किसी को हनुमान चालीसा का पाठ करते वक्त इसका विशेष ध्यान रखना चाहिए.
हनुमान चालीसा में एक स्थान पर "सदा रहो रघुपति के दासा" का उल्लेख किया गया है. इसे भी रामभद्राचार्य जी अशुद्ध पाठ बता रहे हैं. उनका कहना है कि इसके स्थान पर "सादर हो रघुपति के दासा" का पाठ करना शुद्ध है और इसका लाभ भी भक्तों को मिलता है.
हनुमान चालीसा में एक जगह "सब पर राम तपस्वी राजा" का जिक्र किया गया है. इस मूल पाठ में भी अशुद्धि है. रामभद्राचार्य जी बता रहे हैं कि इसके स्थान पर "सब पर राम राजसिर ताजा" का पाठ करना शुद्ध रहेगा. ऐसे में इसका खास ध्यान रखना चाहिए.
इसी तरह हनुमान चालीसा में आए "यह शत बार पाठ कर कोई" के स्थान पर "यह शत बार पाठ कर जोई" का शुद्ध पाठ करना सही रहेगा. ऐसे में हर किसी को हनुमान चालीसा का पाठ करते वक्त इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
आपको बता दें कि उपरोक्त हनुमान चालीसा के पाठ के सुधार के बारे में कथावाचक पूज्यरामभद्राचार्य जी का कहना है. ऐसे में हनुमान चालीसा के पाठ किए गए सुधार में News Astro Aaptak जिम्मेदार नहीं है.
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