anant chaturdashi significance_ अनंत चतुर्दशी का महत्व- अनंत पूजा के लिए क्या है शुभ मुहूर्त, जानिए यहाँ
anant chaturdashi significance_अनंत चतुर्दशी भाद्रपद मास के शुक्लपक्ष की चौदहवीं (चतुर्दशी) को पड़ता है. 2021 में अनंत चतुर्दशी 19 सितंबर, रविवार को यानि आज है. अनंत चतुर्दशी पूजा के लिए शुभ मुहूर्त इसी दिन सुबह 6 बजकर 28 मिनट से शुरू है. जबकि शुभ मुहूर्त का समापन 20 सितंबर को सुबह 5 बजकर 28 मिनट तक है. यानि अनंत चतुर्दशी पूजा के लिए 23 घंटा 20 मिनट का समय मिलेगा.
अनंत चतुर्दशी_anant chaturdashi_पर चतुर्दशी तिथि का खास महत्व होता है. ऐसे में चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 19 सितंबर को सुबह 5 बजकर 59 मिनट से होगी. वहीं चतुर्दशी तिथि की समाप्ति 20 सितंबर सुबह 5 बजकर 28 मिनट पर होगी. अनंत चतुर्दशी 2021 में कब है? अनंत चतुर्दशी के दिन पूजा के लिए मुहूर्त क्या है? और चतुर्दशी तिथि कब से कब तक है, इसके बारे में हमने आपको बताया. आगे आपको अनंत चतुर्दशी महत्व के बारे में बता रहे हैं.
anant chaturdashi significance_ अनंंत चतुर्दशी महत्व
anant chaturdashi significance_ अनंत चतुर्दशी सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है. जैसा कि नाम से ही स्पष्ट होता है कि इस पर्व की महिमा अनंत है. अनंत चतुर्दशी के महत्व के बारे में ब्रह्मपुराण, भविष्य पुराण और स्कन्द पुराण में वर्णन मिलता है. अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान अनंत (Bhagwan Anant) की पूजा का विधान है. अनंत का अर्थ होता है- 'जिसका अंत न हो'.
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कुछ लोग अनंत भगवान को खास देवता मानते हैं. जबकि ऐसा नहीं है. इस बारे में कथा आती है कि अनंत भगवान की खोज में कौण्डिल्य मुनि दिन-रात भटकते रहे. परंतु, उन्हें अनंतदेव का पता न चला. कौण्डिल्य मुनि को अनंतदेव का पता इसलिए न चला क्योंकि वे तो उसके शरीर में थे.
इसलिए अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने वालों को चाहिए कि भाद्रशुक्ल चतुर्दशी को अनंत भगवान का हृदय से पूजन करें. अनंत चतुर्दशी का व्रत रखने और पूजन करने से सभी मनोकामना पूरी होती है. इसके अलावा इसके व्रत से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है.
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anant chaturdashi puja process_अनंत चतुर्दशी पूजा कैसे की जाती है?
anant chaturdashi puja process_अनंत चतुर्दशी पूजा कैसे की जाती है? अनंत चतुर्दशी पूजा के लिए चौदह गांठ वाला डोरक लिया जाता है. इसके बाद भगवान के 14 नाम से विधिवत् पूजन किया जाता है. केले, सेव, संतरा आदि 14 प्रकार के फल, पकवान, मिष्टान का अर्पण किया जाता है. इसके बाद पुराने अनंत के डोरा की पूजा कर उसका विसर्जन किया जाता है. पश्चात् अनंत श्रद्धापूर्वक भगवान की कथा सुनी जाती है. कथा के बाद आरती की जाती है. अंत में प्रार्थना के बाद विसर्जन किया जाता है.
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2021 में अनंत चतुर्दशी का व्रत कब रखा जाएगा
2021 में अनंत चतुर्दशी का व्रत 19 सितंबर, रविवार के दिन रखा जाएगा. अनंत चतुर्दशी व्रत के लिए शुभ मुहूर्त 19 सितंबर को प्रातः 6.28 से शुरू है. साथ ही अनंत चतुर्दशी व्रत शुभ मुहूर्त का समापन 20 सितंबर प्रतः 5.28 बजे है.
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