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chanakya neeti shloka- इनका न होना है अच्छा, चाणक्य नीति क्या कहती है? जानिए

 chanakya neeti shloka_चाणक्य नीति में चाणक्य ने मनुष्य जीवन की हरेक समस्या का समाधान बताया है. आचार्य चाणक्य की नीति आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना कि पहले थी. चाणक्य ने चाणक्य नीति नामक पुस्तक में श्लोक के माध्यम से बताया है कि कुछ काम ऐसे हैं जिसे न करना ही अच्छा होता है. आमतौर पर लोग अच्छे काम ही जीवन के लिए अच्छा मानते हैं. यहाँ हम आपको चाणक्य नीति का एक श्लोक और उसका हिन्दी अर्थ बता रहे हैं जिससे यह समझने में आसानी होगी कि किसका न होना बेहतर है.

chanakya neeti shloka- चाणक्य नीति श्लोक- दौर्मन्त्र्यान्नृपतिर्विनश्यति यतिः सङ्गात् सुतो लालनाद्, विप्रोऽनध्यनात् कुलं कुतनयाच्छीलं खलोपासनात्। ह्रीर्मद्यादनवेक्षणादपि कृषिः स्नेहः प्रवासाश्रयान्मैत्री चाप्रणयात् समृद्धिरनयात् त्यागः मादाद्धनम्

chanakya neeti shloka meaning in hindi_चाणक्य नीति के श्लोक का अर्थ है_ दुष्ट मंत्री से राजा का नाश होता है. भोग-विलास करने वालों के संपर्क से संन्यासी की मति भ्रष्ट हो जाती है. अत्यधिक लाड-प्यार से पुत्र बिगड़ जाता है. ब्राह्मण के नहीं पढ़ने से उनका नाश होता है. कुमार्ग पर चल रहे पुत्र से कुल का नाश होता है. 

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दुष्ट की सेवा से शील का पतन होता है. मदीरा पीने से लज्जा चली जाती है. देखभाल के अभाव में खेती नष्ट हो जाती है. विदेश में रहने से अपनों के प्रति स्नेह नष्ट हो जाता है. प्रीति न रखने से मित्रता खत्म हो जाती है. अनैतिक कार्य से संपत्ति नष्ट हो जाती है. फिजूलखर्ची से धन का नाश होता है.

chanakya neeti in hindi
आचार्य चाणक्य

चाणक्य कौन थे ? who was chanakya? 

चाणक्य (chanakya) का वास्तविक नाम विष्णुगुप्त (Vishnugupt) था. चाणक्य (chanakya), यशोमति (yashomati) और ऋषि चणक (Rishi Chanak) के संतान थे. चाणक्य (Chanakya) एक उतकृष्ट शिक्षक (Teachet) , ख्याति प्राप्त दार्शनिक (Philosopher), बहुत बड़े अर्थशास्त्री (Economist) थे. इसके अलावा आचार्य चाणक्य के पास न्याय का भी अच्छा ज्ञान था. न्याय शास्त्र के जानकार होने के साथ-साथ चाणक्य सही सलाह देने में भी निपुण थे. 

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चाणक्य की नीति (Chanakya Niti in Hindi) ऐसी कि दुश्मन क्षणभर में हार मान ले. कहते हैं कि चंद्रगुप्त मौर्य, आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) की ही कूटनीति, तीक्ष्ण बुद्धि और योजना से मगध का राजा बना. चाणक्य ने शपथ ली थी कि जब तक वे नंदवंश का नाश नहीं कर देंगा तब तक चोटी (शिखा) नहीं बाँधेंगे. उन्होंने ऐसा किया भी. आज भी चाणक्य नीति, जीवन में आ रही विभिन्न प्रकार की समस्याओं से मुक्ति के लिए रामबाण है. 

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