karwa chauth kaise kare_ करवा चौथ व्रत कब है? कैसे करें करवा चौथ की पूजा, जानिए पूजन सामग्री और विधि
karwa chauth kaise kare_करवा चौथ कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. 2021 में करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर, रविवार के दिन रखा जाएगा. इस व्रत को महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए रखतीं हैं. व्रत के दौरान भगवान शिव के साथ-साथ पार्वती और गणेश की पूजा की जाती है. व्रत का पारण चंद्रमा के दर्शन और उनको अर्घ्य देने के बाद किया जाता है. करवा चौथ व्रत के लिए शुभ मुहूर्त क्या है? करवा चौथ व्रत की विधि क्या है? आगे इस बारे में हम आपको विस्तार से बता रहे हैं.
karwa chauth vrat shubh muhurat_करवा चौथ व्रत शुभ मुहूर्त
- करवा चौथ डेट- 24 अक्टूबर, दिन- रविवार
- करवा चौथ पूजा मुहूर्त- शाम 5.43 से 6.59 तक
- पूजा मुहूर्त की कुल अवधि- 1 घंटा 17 मिनट
- करवा चौथ व्रत समय- सुबह 6.27 से शाम 8.07 बजे तक
- चंद्रोदय समय- 08.07 बजे
- चतुर्थी तिथि की शुरुआत- 24 अक्टूबर, 03.01 एएम
- चतुर्थी तिथि समाप्त- 25 अक्टूबर, 05.43 एएम
karwa chauth puja samagri_करवा चौथ पूजा की सामग्री- हल्दी, कुमकुम, अक्षत (हल्दी-कुमकुम मिला हुआ), धूप, गेहूं, कलश (तांबे या शुद्ध धातु का), मिट्टी का करवा, कलावा (लाल धागा), घी का दीपक, कथा की पुस्तक, पूजा के लिए चौकी, बिनी नमक की मट्ठी, मिठाई, फूल, लाल कपड़ा और चाँदी का चंद्रमा
karwa chauth ki thali_ करवा चौथ की थाली- छलनी, यदि छलनी न हो तो बिना नमक की मट्ठी, मिठाई, बादाम, कुमकुम, अक्षत, आटे का दिया, मिट्टी का करवा, रक्षासूत्र बंधा हुआ पानी का ग्लास, थाली को ढकने के लिए चुनरी
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karwa chauth vrat puja vidhi_करवा चौथ व्रत पूजा विधि
व्रती करवा चौथ के दिन सुबह नहाने के बाद नए वस्त्र पहनें. घर के पूजा स्थान को गंगाजल से स्वच्छ करें. इसके बाद वहां भगवान शिव, माता पर्वती और गणेश की प्रतिमा या इनकी संयुक्त फोटो रखें. संभव हो तो पूजा स्थान के पास अरवा चावल के घोल से करवा का चित्र बनाएं. "मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रत अहम् करिष्ये" इस मंत्र को बोलकर व्रत का संकल्प लें. संकल्प के बाद पूजा आरंभ करें. पूजा के क्रम में माता पार्वती को सुहाग की सामग्री अर्पित करें. करवा पर लाल रोली से स्वास्तिक बनाएं.
करवा में चीनी और गेहूं ढक्कन में भर दें. माता पार्वती, भगवान् शिव और गणपति की पूजा करें. पूजा के समय "ओम् नम: शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम्, प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे" इस मंत्र का उच्चारण करें. पति की लंबी उम्र और सौभाग्य प्रप्ति के लिए इस मंत्र से प्रार्थना करना अच्छा माना गया है. इसके बाद करवा पर बिंदी रखें. बिंदी की संख्यां 13 होगी.
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इतना करने के बाद इतने ही गेहूं या अक्षत लेकर करवा चौथ की कथा करें या सुनें. कथा के पश्चात् करवा पर हाथ घुमाकर घर के बड़े-बुजुर्गों से आशीर्वीद लें. शाम के समय चंद्रोदय के वक्त चंद्रमा की पूजा करें. इसके बाद ही पति के हाथ से पानी पीकर उनसे आशीर्वीद लें. फिर अन्न ग्रहण कर व्रत का पारण करें.
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