Header Ads

pitru paksha 2021: पितृ पक्ष शुरू, जानिए श्राद्ध तिथियाँ कब-कब

pitru paksha 2021_ हिन्दु धर्म में सोलह प्रकार के संस्कार का वर्णन मिलता है. गर्भाधान से लेकर मृत्यु के बात तक सभी संस्कार क्रम से किये जाते हैं. व्यक्ति की मृत्यु के बाद के श्राद्ध संस्कार किया जाता है. श्राद्ध संस्कार मृतक के परिजनों को करना होता है. श्राद्ध कर्म उन्हीं में से एक है. श्राद्ध मास भाद्रपद की पूर्णिमा से लेकर आश्विन अमावस्या तक होता है. मान्यता है कि श्राद्ध कर्म के बाद मृतक की आत्मा को शांति मिल जाती है. आगे हम आपको श्राद्ध 2021 में कब है? इसके बारे में बता रहे हैं. साथ ही श्राद्ध 2021 की क्रमवार तिथि के बारे में भी बता रहे हैं. इसके अलावा पतृपक्ष के महत्तव के बारे में भी बता रहे हैं.     

pitru paksha 2021_ 2021 में श्राद्ध कब आएंगे

  • पूर्णिमा श्राद्ध- 20 सितंबर 2021, सोमवार
  • हिन्दी तिथि- भाद्रपद, शुक्ल पूर्णिमा
  • प्रतिपदा श्राद्ध- 21 सितंबर 2021, मंगलवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण प्रतिपदा
  • द्वितीया श्राद्ध- 22 सितंबर 2021, बुधवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण द्वितीया
  • तृतीया श्राद्ध- 23 सितंबर 2021, बृहस्पतिवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण तृतीया
  • चतुर्थी श्राद्ध- 24 सितंबर 2021, शुक्रवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण चतुर्थी
  • पंचमी श्राद्ध- 25 सितंबर 2021, शनिवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण पंचमी

इसे भी पढ़ें- इस तरह पाठ करने से होगी कामना पूरी, ये है दुर्गा सप्तशती पाठ की सही विधि

  • षष्ठी श्राद्ध- 26 सितंबर 2021, रविवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण षष्ठी
  • सप्तमी श्राद्ध- सितंबर 28, 2021, मंगलवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण सप्तमी
  • अष्टमी श्राद्ध- 29 सितंबर 2021, बुधवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण अष्टमी
  • नवमी श्राद्ध- 30 सितंबर 2021, गुरुवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण नवमी
  • दशमी श्राद्ध- 1 अक्टूबर 2021, शुक्रवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण दशमी
  • एकादशी श्राद्ध- 2 अक्टूबर 2021, शनिवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण एकादशी

इसे भी पढ़ें- इस बार होगी 8 पूजा, ये है शारदीय नवरात्रि से जुड़ी अहम जानकारी

  • द्वादशी श्राद्ध- 3 अक्टूबर 2021, रविवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण द्वादशी
  • त्रयोदशी श्राद्ध- 4 अक्टूबर 2021, सोमवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण त्रयोदशी
  • चतुर्दशी श्राद्ध- 5 अक्टूबर 2021, मंगलवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण चतुर्दशी
  • सर्वपितृ अमावस्या- 6 अक्टूबर 2021, बुधवार
  • हिन्दी तिथि- आश्विन, कृष्ण अमावस्या

इसे भी पढ़ें- माँ दुर्गा की उत्पत्ति कैसे हुई? ऐसे आया माता के हाथों में अस्त्र-शस्त्र

पितृपक्ष का महत्व (pitru paksha importance)

धार्मिक ग्रंथों में देवता की पूजा से पहले पितृ (पितर) पूजा का वर्णन मिलता है. मान्यता है कि पितरों की पूजा से देवता भी प्रसन्न होते हैं. इसलिए सनातन धर्म में जीवित अवस्था में माता-पिता की सेवा और मृत्यु के बाद श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. कहते हैं कि पितृपक्ष में पितरों का विधिपूर्वक तर्पण किया जाए तो उनकी आत्मा को शांति मिलती है. साथ ही पितरों की आत्मा मृत्युलोक में नहीं भटकती है. 

इसके अलावा पितृपक्ष का ज्योतिष शास्त्र में भी खास महत्व दिया गया है. जब इंसान को लाख कोशिश करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती है, धन हानि होती है या संतान उत्पत्ति में बाधा आ रही होती है, तो ऐसे में जातक पतृदोष से पीड़ित माना जाता है. ऐसे में जातक को पतृदोष से छुटकारा पाने के लिए पितृपक्ष में पितरों का तर्पण करना आवश्यक गया है.

News Astro Aaptak, NEWS ASTRO AAPTAK, newsastroaaptak

No comments

Powered by Blogger.