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navagraha stotram_ शनि-राहु-केतु के लिए रामबाण है ये आसान नवग्रह स्तोत्र-मंत्र

 navagraha stotram in sanskrit_ ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक नौ ग्रह का प्रभाव हर इंसान के जीवन पर पड़ता है. जातक की कुंडली में अगर नवग्रह (navagraha) की दशा शुभ है, तो लाइफ में अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता. साथ ही जब जातक की कुंडली में कोई भी एक ग्रह अशुभ स्थिति में है, तो ऐसे में उसे ग्रह की दशा झेलनी ही पड़ती है. 

जीवन में नवग्रह (navagraha) का शुभ प्रभाव मिले इसके लिए नवग्रह स्तोत्र (navagraha stotra) का पाठ सर्वोत्तम है. नवग्रह स्तोत्र (navagraha stotra) के शुद्ध पाठ से ग्रह-नक्षत्र की पीड़ा से शीघ्र मुक्ति मिलती है. साथ ही अतुलनीय ऐश्वर्य प्राप्त होता है. इसके अलावा रोग निवारण हेतु भी यह स्तोत्र अचूक है. इतना ही नहीं नवग्रह स्तोत्र सभी प्रकार के बाधा से मुक्ति के लिए भी रामबाण है. 

navagraha stotram in sanskrit_ नवग्रह स्तोत्र

जपाकुसुमसङ्काशं काश्यपेयं महाद्युतिम्

तमोरिम् सर्वपापघ्नम् प्रणतोस्मि दिवाकरम् ।1।

दधिशंखतुषाराभम् क्षीरोदार्णवसंभवम्

नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम्।2।

धरणीगर्भसंभूतं वुद्युत्कान्तिसमप्रभम्

कुमारं शक्तिहस्तं तं मंङ्गलं प्रणाम्यहम्।3।

प्रयंकुकलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम्

सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम्।4।

navgrah mantra

देवानां च ऋषिणां च गुरुं काञ्चन सन्निभम्

बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्।5।

हिमकुन्दमृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम्

सर्वशास्त्रप्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम्।6।

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नीलाञ्जन्मसमाभसं रविपुत्रं यमाग्रजम्

छायामार्ताण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।7।

अर्धकायं महावीर्यं चन्द्रदित्यविमर्दनम्

सिहिंकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम्।8।

पलाशपुष्पसङ्काशं तारकाग्रहमस्तकम्

रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम्।9।

इति व्यासमुखोद्गीतं यः पठेत्सुसमाहितः।

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नवग्रह स्तोत्र-मंत्र भावार्थ 

दिवा वा यदि वा रात्रौ विघ्नशान्तिर्भविष्यति

नर नारीनृपाणां च भवेद्युःस्वप्ननाशनम्।10।

ऐश्वर्यमतुलंतेषाम् आरोग्यं पुष्टिवर्धनम् 

ग्रहनक्षत्रजाः पीडाः तस्कराग्निसमुद्भवाः।11।

ताः सर्वाः प्रशमं यान्ति व्यासो ब्रूते न संशयः 

इति श्रीव्यासविरचितं नवग्रहस्तोत्रं सम्पूर्णम्।12।

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