shani dhaiya sadesati 2021_ 2021 में शनि की ढैय्या व साढ़ेसाती का क्या पड़ेगा आप पर असर, जानिए
shani dhaiya sadesati 2021_ जिन जातकों की कुंडली में शनि की स्थिति शुभ होती है उन्हें जीवनभर बड़ी परेशानियां नहीं झेलनी पड़ती. परंतु अगर शनि पीड़ित या अशुभ हैं तो जातक का पूरा जीवन दुख और तकलीफों के साये में घिरा रहता है। इस वर्ष यानि 2021 में शनि आपके लग्न के अनुसार आपके जीवन पर क्या प्रभाव डालने जा रहे हैं आइए जानें। ध्यान दें यह भविष्यफल आपकी राशि नहीं बल्कि कुंडली के लग्न पर आधारित है।
मेष लग्न: अगर आपका लग्न मेष है तो शनि आपके दशम भाव में विराजमान हैं। सामान्यतौर पर मेष लग्न के जातकों के लिए शनि का प्रभाव शुभ ही रहता है। अगर आपकी कुंडली में शनि की स्थिति शुभ है तो आपके लिए शनि की ढैय्या और साढ़ेसाती भी शुभ ही साबित होती है। शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या की अवधि में मेष लग्न के जातक अतीव सफ़लताएं अर्जित करते हैं। इस वर्ष आप धन और पदोन्नति की उम्मीद रख सकते हैं।
वृष लग्न: वृष लग्न के जातकों के लिए शनि का प्रभाव शुभ रहता है. शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या की अवधि में वृष लग्न के जातकों को अपने भाग्य का पूर्ण समर्थन प्राप्त होता है। इस वर्ष वृष लग्न के वे जातक जो बेरोजगार हैं उन्हें एक अच्छी नौकरी मिल सकती है और जो लोग पहले से ही नौकरी पेशा हैं उन्हें पदोन्नति की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही साथ इस वर्ष आपके यश, सम्मान और प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होती है।
मिथुन लग्न: मिथुन लग्न के जातकों के लिए शनि बेहद सामान्य फलदायक साबित होते हैं. अगर आपकी कुंडली में शनि की स्थिति शुभ है तो शनि की साढ़े साती या ढैय्या आपको मिश्रित फल प्रदान करती है। परंतु अगर मिथुन लग्न की कुंडली में शनि की स्थिति अशुभ हो. शनि अशुभ भाव में बैठे हों तो वे बेहद कष्टदायक साबित होते हैं। इस वर्ष शनि के प्रभाव की वजह से आपको पैतृक संपत्ति की हानि हो सकती. लेकिन फिर भी भाग्य का साथ आपको अवश्य प्राप्त होगा। इस वर्ष किसी तीर्थ यात्रा के लिए आप निकल सकते हैं।
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कर्क लग्न: कर्क लग्न में शनि सप्तमेश और अष्टमेश हैं. आपके लिए शनि अशुभ फल प्रदान करने वाले सबैत होते हैं। कर्क लग्न के जातकों की जन्मपत्रिका में शनि शुभ भावों में स्थित होकर अशुभ प्रभावों से मुक्त हों तो कर्क लग्न के जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या शुभ फ़लदायी होती है किंतु यदि शनि की स्थिति अशुभ भावों में है तो साढ़ेसाती व ढैय्या की अवधि आपके लिए अशुभ ही साबित होती है। इस वर्ष कर्क लग्न के जातकों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए. साथ ही आपको अपने जीवनसाथी की सेहत को गंभीरता से देखना चाहिए। अगर जीवनसाथी के साथ किसी प्रकर का मनमुटाव चल रहा है तो जल्द ही सुलझा लें. क्योंकि अलगाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
सिंह लग्न: अगर आप सिंह लग्न हैं तो आपके लिए शनि षष्ठमेश और सप्तमेश हैं. सामान्यतौर पर सिंह लग्न में जन्में जातकों के लिए शनि अशुभ फ़लदायक होते हैं। इस वर्ष यानि 2021 में शनि के प्रभाव से आप किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हो सकते हैं. साथ ही कोई बड़ा कर्ज भी आपको उठाना पड़ सकता है। जीवनसाथी का स्वास्थ्य खराब रह सकता है. साथ ही अलगाव की स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है।
कन्या लग्न: कन्या लग्न के जातकों के लिए शनि पंचमेश और षष्ठमेश हैं. आपके लिए शनि मिश्रित फलदायी साबित होते हैं। आपके लिए शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या के शुरुआती काल में सफलता प्राप्त होती है परंतु उत्तरार्द्ध यानि उसकी समाप्ति का समय हानिकारक व कष्टकारक सिद्ध होता है। इस वर्ष आपको संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है. कोई बड़ रोग भी आपको जकड़ सकता है। कर्ज बढ़ने की संभावना है।
तुला लग्न: तुला लग्न में शनि चतुर्थेश व पंचमेश हैं, जो आपके लिएकाफी हद तक शुभ फलदायक साबित होते हैं। तुला लग्न के जातकों की जन्मपत्रिका में शनि शुभ भावों में स्थित होकर अशुभ प्रभावों से मुक्त हों तो तुला लग्न के जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या बहुत ही शुभ फ़लदायी होती है। इस वर्ष यानि 2021 में आपको अधीनस्थों का सहयोग प्राप्त हो सकता है. आपको मित्रों और सहयोगियों से भी लाभ मिल सकता है। अगर आप राजनीति से जुड़े हैं तो यह वर्ष आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
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वृश्चिक लग्न: ज्योतिषीय सिद्धांत अनुसार वृश्चिक लग्न में शनि तृतीयेश व चतुर्थेश होते हैं. जिसकी वजह से शनि का प्रभाव आपके लिए शुभ साबित होता है। शनि के प्रभाव से इस वर्ष आपको अपने भाई-बहन के साथ विवाद का सामना करना पड़ता है. साथ ही माता की ओर से भी लाभ प्राप्त होता है। आपको स्थाई संपति की भी प्रप्ति होती है।
धनु लग्न: धनु लग्न के अंतर्गत आने वाले जातकों के लिए शनि द्वितीयेश व तृतीयेश होते हैं. जो आपके लिए अशुभ फलदायक सबित होते हैं। शनि की साढ़ेसाती के दौरान धनु लग्न के जातकों के लिए संचित किया हुआ धन अचानक व्यया हो सकता है. पारिवारिक जनों से भी विवाद गहरा सकता है। नौकरी करने वाले जातकों को तबादले का सामना भी करना पड़ता है।
मकर लग्न: ऐसे लोग जो मकर लग्न के अंतर्गत आते हैं उनके लिए शनि लग्नेश व द्वितीयेश होते हैं. जिसके प्रभाव से शनि आपके लिए मिश्रित फ़लदायक होते हैं। मकर लग्न के जातकों के लिए शनि मारक भाव के स्वामी होने के कारण मारकेश भी होते हैं। किन्तु लग्नेश होने से वे शुभ भी साबित होते हैं. मकर लग्न के जातकों के लिए शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या मिश्रित फ़लदायी होती है। इस वर्ष यानि 2021 में मकर लग्न के जातकों को धन की हानि का सामना करना पड़ता है. साथ ही नेत्रों में भी विकार उत्पन्न होता है। उन्हें अपने घर से दूर निवास करना पड़ सकता है।
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कुंभ लग्न: कुंभ लग्न के जातकों के लिए शनि व्ययेश व्ययेश और लग्नेश होते हैं, जिसके प्रभाव से शनि आपके लिए मिश्रित फ़लदायक होते हैं। शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या के दौरान कुंभ लग्न के जातकों को जीवन में लाभ व सफ़लताएं प्राप्त होती हैं। इस वर्ष शनि की कृपा से आपको कुंभ लग्न के जातकों को उन्हें उत्तम शैय्या सुख की प्राप्ति होती है। उनके कार्य व यात्राएं सफ़ल होती हैं। अदालती मामलों में आपको असफलता मिल सकती है।
मीन लग्न: अगर आप मीन लग्न के जातक हैं तो आपके लिए शनि लाभेश व व्ययेश होते हैं. जो आपके लिए काफी हद तक शुभ ही कहे जा सकते हैं। शनि के प्रभाव से इस वर्ष आपकी आय भी बढ़ेगी साथ ही आपका स्वास्थ्य भी बेहतरीन रहेगा। अनिद्रा आपको परेशान कर सकती है. आपको जरूरत से अधिक व्यय भी करना पड़ सकता है। आपको उतम दांपत्य सुख की प्राप्ति संभव है।
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